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छह दिवसीय प्रशिक्षण में शिक्षक सीखेंगे डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल

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वीएनएसजीयू में आयोजित होगा फ़ैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम : व्यक्तिगत शिक्षण और डिजिटल पेडागॉजी पर फोकस
सूरत: वीर नरमद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय (VNSGU) का शिक्षा विभाग व्यक्तिगत शिक्षण और डिजिटल पेडागॉजी पर आधारित छह दिवसीय फ़ैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (FDP) का आयोजन 8 से 13 सितंबर 2025 तक करने जा रहा है। यह कार्यक्रम पीएम-उषा MERU सॉफ़्ट कंपोनेंट के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण विधियों से प्रशिक्षित करना है।


सत्र प्रतिदिन सुबह 10:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक विश्वविद्यालय के सेमिनार हॉल में होंगे। केवल 50 प्रतिभागियों की सीमित संख्या को ध्यान में रखते हुए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। आवेदन की अंतिम तिथि 2 सितंबर 2025 तय की गई है। वीएनएसजीयू के कुलपति डॉ. किशोरसिंह एन. चावड़ा ने कहा, “शिक्षा की दुनिया तेज़ी से बदल रही है। हमें अपने शिक्षकों को इस बदलाव का नेतृत्व करने के लिए तैयार करना होगा। यह एफडीपी उसी दिशा में एक कदम है।”

परंपरा और तकनीक का सेतु बनेगा यह कार्यक्रम


आयोजकों के अनुसार, इस एफडीपी में सीखने वाले-केंद्रित शिक्षण पद्धति, व्यक्तिगत शिक्षण दृष्टिकोण और डिजिटल पेडागॉजी पर जोर दिया जाएगा। इसमें पाठ्यक्रम पुनर्निर्माण, इंटरैक्टिव कंटेंट तैयार करना, अनुकूली तकनीकों का उपयोग और नवोन्मेषी मूल्यांकन विधियाँ शामिल होंगी। कार्यक्रम में भारतीय ज्ञान परंपरा को डिजिटल शिक्षण से जोड़ने पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है।

शिक्षा विभागाध्यक्ष व एफडीपी संयोजक प्रो. राजेंद्र बी. पटेल ने कहा, “यह कार्यक्रम शिक्षकों को अपनी कक्षा की नई कल्पना करने में मदद करेगा, जहाँ तकनीक एक विकल्प नहीं बल्कि सीखने की साझेदार होगी।”

1973 में स्थापित यह विभाग अब तक 160 से अधिक पीएच.डी. शोधार्थी तैयार कर चुका है और कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों का सफल आयोजन कर चुका है।

पेशेवर विकास और नेटवर्किंग का अवसर


यह कार्यक्रम सिर्फ़ डिजिटल उपकरण सिखाने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि शिक्षकों को सहयोगात्मक अधिगम और पेशेवर नेटवर्किंग का भी अवसर देगा। देशभर के विभिन्न महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों के शिक्षक इसमें शामिल हो सकते हैं। सफलतापूर्वक पूरा करने पर प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा।

वीएनएसजीयू के रजिस्ट्रार डॉ. रमेशदान गढ़वी ने कहा, “अब शिक्षा एक जैसी नहीं हो सकती। व्यक्तिगत और डिजिटल शिक्षण ही भविष्य है। ऐसे कार्यक्रम शिक्षकों को कक्षा को और अधिक रोचक और समावेशी बनाने में सक्षम करेंगे।” 
प्रतिभागियों के लिए सुबह का नाश्ता और दोपहर का भोजन विश्वविद्यालय परिसर में उपलब्ध रहेगा। आवास की व्यवस्था चाहने वालों को विश्वविद्यालय गेस्ट हाउस में मदद दी जाएगी। इच्छुक शिक्षक ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं और अपडेट के लिए आधिकारिक व्हाट्सऐप समूह से जुड़ सकते हैं।

डिजिटल पेडागॉजी शिक्षा के भविष्य को आकार दे रही है। ऐसे में वीएनएसजीयू का यह कदम समयानुकूल पहल माना जा रहा है, जो शिक्षकों को न केवल बदलाव के साथ कदम मिलाने बल्कि उसे दिशा देने के लिए भी तैयार करेगा।
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