ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन: भारतीय ज्ञान परंपरा पर होगा वैश्विक विमर्श
ऑरोवैली आश्रम बनेगा विद्वानों का संगम, योग–आयुर्वेद से लेकर वेदांत और विज्ञान तक पर होगी चर्चा
The Academics News, ऋषिकेश। भारत की प्राचीन ज्ञान परंपराओं को विश्व पटल पर स्थापित करने के उद्देश्य से ऋषिकेश स्थित ऑरोवैली आश्रम में एक भव्य अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। "इंडियन नॉलेज सिस्टम्स" (IKS) केंद्र के तत्वावधान में होने वाले इस सम्मेलन में देश-विदेश से विद्वान, वैज्ञानिक, शोधकर्ता और आध्यात्मिक चिंतक भाग लेंगे।
भारत सदियों से "विश्वगुरु" के रूप में जाना जाता रहा है। ऋग्वेद, उपनिषद, योगसूत्र, आयुर्वेद और ज्योतिष जैसे ग्रंथ न केवल भारतीय संस्कृति के आधार हैं, बल्कि आधुनिक युग में भी जीवन जीने के व्यावहारिक उपाय प्रस्तुत करते हैं। इसी विरासत को समकालीन संदर्भों में प्रस्तुत करने का प्रयास इस सम्मेलन के माध्यम से किया जाएगा।
योग, आयुर्वेद, दर्शन और पर्यावरण जैसे विषयों पर होगी अंतरराष्ट्रीय स्तर की मंथन सभा
- स्थान: ऑरोवैली आश्रम, ऋषिकेश – गंगा तट पर स्थित शांत और आध्यात्मिक वातावरण
- भागीदारी: अंतरराष्ट्रीय स्तर के विद्वान, शोधकर्ता, वैज्ञानिक और चिंतक
- उद्देश्य: भारतीय ज्ञान परंपराओं को आधुनिक शिक्षा, विज्ञान और समाज से जोड़ना
मुख्य विषय:
- योग और ध्यान के व्यावहारिक आयाम
- आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियाँ
- भारतीय खगोल विज्ञान और ज्योतिष का वैज्ञानिक विश्लेषण
- वैदिक गणित की प्रासंगिकता
- धर्म, दर्शन और आध्यात्मिकता
- पर्यावरण और सतत विकास में भारतीय दृष्टिकोण
ऑरोवैली आश्रम बनेगा विद्वानों का संगम, भारतीय परंपरा की प्रासंगिकता पर मंथन
यह सम्मेलन केवल शैक्षणिक चर्चा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि प्रतिभागियों को भारतीय संस्कृति और जीवनशैली का प्रत्यक्ष अनुभव भी मिलेगा।
योग एवं ध्यान के विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे।
सांस्कृतिक संध्याएँ और पारंपरिक भारतीय कला का प्रदर्शन होगा।
विद्वानों को अपने शोधपत्र और विचार साझा करने का मंच मिलेगा।
भारत और विदेशों के बीच ज्ञान का आदान-प्रदान होगा।
विश्वगुरु भारत की ओर बढ़ते कदम: ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारी
आयोजकों का मानना है कि आज की दुनिया कई चुनौतियों से जूझ रही है—स्वास्थ्य संकट, मानसिक तनाव, पर्यावरण असंतुलन और सतत विकास की आवश्यकता। भारतीय ज्ञान परंपराएं इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए मार्गदर्शन देती हैं। योग और ध्यान मानसिक शांति देते हैं, आयुर्वेद स्वस्थ जीवन की राह दिखाता है, वहीं वेदांत और दर्शन जीवन के गहरे प्रश्नों के उत्तर प्रस्तुत करते हैं।
भारतीय ज्ञान परंपरा को आधुनिक शिक्षा और विज्ञान से जोड़ने का प्रयास
सम्मेलन से यह उम्मीद की जा रही है कि भारतीय ज्ञान प्रणाली को लेकर वैश्विक स्तर पर एक नई ऊर्जा और जागरूकता पैदा होगी। इससे न केवल शैक्षणिक और शोध क्षेत्र को बल मिलेगा, बल्कि समाज के सामान्य वर्ग तक भी इन विचारों और विधाओं का लाभ पहुंचेगा।
यह आयोजन भारत की उस गौरवशाली भूमिका को भी दोहराएगा, जिसे वह कभी "विश्वगुरु" के रूप में निभाता रहा है। जब पूरी दुनिया संतुलित और स्थायी विकास के मार्ग की तलाश कर रही है, तब भारतीय ज्ञान परंपरा विश्व के लिए मार्गदर्शक सिद्ध हो सकती है।
यह सम्मेलन केवल विद्वानों का नहीं, बल्कि पूरे समाज का उत्सव है, क्योंकि यहां से निकलने वाले विचार और अनुसंधान मानवता के कल्याण की दिशा तय करेंगे।

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